Delta+ Variant पर टीके के असर को लेकर एक्सपर्ट ने जताई चिंता, कहा - नया म्यूटेंट वैरिएंट चकमा दे सकता है
By: Pinki Fri, 25 June 2021 11:11:47
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बीच अब नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। भारत में पहली बार पाए गए डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेंट डेल्टा प्लस अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। आशंका लगाई जा रही है कि देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के चलते तीसरी लहर आ सकती है। डेल्टा प्लस वेरिएंट दुनिया के 11 देशों में पाया जा चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Mohfw) ने भी बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही अब इसे वीओसी यानी वेरिएंट ऑफ कंसर्न करार दिया दया है। मंत्रालय ने बताया कि डेल्टा के अलावा डेल्टा प्लस समेत डेल्टा के सभी उप-वंशों को वीओसी की श्रेणी में रखा गया है।
मंत्रालय के अनुसार 'भारत में अब तक 45,000 से अधिक नमूनों के जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट - AY.1 - के करीब 40 मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं सामने आए हैं और इसकी मौजूदगी में कोई खास वृद्धि नहीं देखी गई है।'
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में ही इस वैरिएंट के 7 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 2 मरीजों की मौत हो चुकी है। डॉक्टर्स का कहना है कि जिन मरीजों की जान गई है उन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी। वहीं जिन तीन मरीजों को वैक्सीन की एक या दो डोज लग चुकी हैं वे ठीक हो गए हैं या होम आइसोलेशन में हैं।
बाकी दो मरीजों को भी वैक्सीन नहीं लगी है, लेकिन उन्होंने डेल्टा वैरिएंट को मात दे दी। इनमें एक 22 साल की महिला और 2 साल का बच्चा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में 3 भोपाल, दो उज्जैन और 1-1 रायसेन और अशोकनगर जिलों से हैं।
डेल्टा-प्लस वैरिएंट क्या है?
भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है। B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोना वायरस के बीटा और गामा वैरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वैरिएंट को डेल्टा+ वैरिएंट या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।
K417N म्यूटेशन वाले यह वैरिएंट्स ओरिजिनल वायरस से अधिक इंफेक्शियस हैं। वैक्सीन व दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं। दरअसल, B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) निकला है। इसी लाइनेज के दो और वैरिएंट्स हैं- B.1.617.1 और B.1.617.3, जिनमें B.1.617.1 को WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की लिस्ट में रखा है और कप्पा नाम दिया है।
डेल्टा प्लस पर वैक्सीन का क्या है असर?
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार सीनियर वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर शाहिद जमील ने डेल्टा प्लस वेरिएंट पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि नया म्यूटेंट वैरिएंट कोविड -19 टीकों को भी चकमा दे सकता है।
प्रोफेसर जमील के मुताबिक ऐसा इसलिए है क्योंकि डेल्टा प्लस वेरिएंट में ना केवल वे सभी लक्षण हैं जो डेल्टा वेरिएंट में थे, बल्कि इसमें बीटा वेरिएंट (K417N म्यूटेशन) के लक्षण भी हैं। हम पहले से ही जानते हैं कि बीटा वेरिएंट, अल्फा या डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कोविड -19 टीकों को अधिक चकमा दे सकता है।
वायरोलॉजिस्ट ने तर्क दिया कि यह वेरिएंट फैलने के बाद दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने एस्ट्राजेनेका टीकों की एक खेप वापस कर दी थी। हालांकि केंद्र सरकार ने स्टडीज के हवाले से कहा है कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन डेल्टा प्लस वेरिएंट पर 'प्रभावी' हैं।
भारत में ICMR-NIV (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी) और CSIR-CCMB (सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीक्युलर बायोलॉजी, हैदराबाद) ने एक स्टडी की है। इसमें डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवीशील्ड और कोवैक्सिन का असर देखने की कोशिश की गई। नतीजे बताते हैं कि वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी तो बन रही है, पर वह ओरिजिनल कोरोना वायरस के मुकाबले बन रही एंटीबॉडी के मुकाबले कम है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि एंटीबॉडी लेवल कभी भी इम्यूनिटी का इकलौता मार्कर नहीं होता। डेल्टा-प्लस वैरिएंट से वायरस तेजी से फैल रहा है, इसके भी बहुत कम सबूत हैं। इस वजह से WHO ने फिलहाल वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न (VOC) लिस्ट में इसे नहीं रखा है।
केंद्र सरकार ने दिए निर्देश, WHO कर रहा ट्रैक
डेल्टा प्लस कोविड -19 म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर के बारे में जानने के लिए भारत और विश्व स्तर पर कई स्टडीज चल रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि जिन क्षेत्रों में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है वहां 'निगरानी, टेस्टिंग बढ़ाने, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन पर तेजी से काम करना होगा।'
अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के चलते भारत में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है।
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने समाचा एजेंसी रायटर्स को बताया, 'WHO इस वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट के हिस्से के रूप में ट्रैक कर रहा है।'
16 जून तक 11 देशों में नए डेल्टा प्लस संस्करण के लगभग 200 मामले पाए गए थे इसमें ब्रिटेन में 36, कनाडा में 1, भारत में 8, जापान में 15, नेपाल में 3, पोलैंड में 9, पुर्तगाल में 22, रूस में 1, स्विट्ज़रलैंड में 18, तुर्की में 1, और संयुक्त राज्य अमेरिका में 83 शामिल है।
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